रिपब्लिक हिंदी डेस्क: SPG की सुरक्षा वापस लेते ही कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी की सुरक्षा में पिछले सप्ताह उस वक्त चूक देखी गयी जब यूपी से आयी एक गाड़ी उनके आवास के मुख्य द्वार तक पहुंच गयी. पांच की संख्या में अनजान लोग एक वाहन में सवार होकर उनके आवास में दाखिल हो गए. बताया गया कि वे लोग कथित रूप से सेल्फी लेने के लिए आवास में घुस आये थे. मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार सोमवार को बताया कि यह मामला सीआरपीएफ के समक्ष उठाया गया है.
गौरतलब है कि सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी वाड्रा से 28 साल बाद एसपीजी सुरक्षा वापस ले ली गयी. उन्हें सितंबर 1991 में 1988 के एसजीपी कानून के संशोधन के बाद वीवीआईपी सुरक्षा सूची में शामिल किया गया था. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी के परिवार को दी गयी एसपीजी सुरक्षा वापस लेने का फैसला एक विस्तृत सुरक्षा आकलन के बाद लिया गया. लिट्टे के आतंकवादियों ने 21 मई 1991 को राजीव गांधी की हत्या कर दी थी.
अधिकारियों के अनुसार देश में नक्सल विरोधी अभियानों और आंतरिक सुरक्षा कार्यों के लिए एक प्रमुख बल सीआरपीएफ के पास लगभग 52 अन्य वीवीआईपी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है जिसमें केन्द्रीय गृह मंत्री अमित शाह, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह शामिल हैं.