रिपब्लिक डेस्क: भारतीय जनता पार्टी ने इस बार लालकृष्ण आडवाणी और मुरली मनोहर जोशी जैसे पार्टी के संस्थापक सदस्यों का टिकट काट दिया. यही नहीं उनको प्रचारक के रूप में भी उपयोग नहीं करने की ठानी है. मुरली मनोहर जोशी ने तो टिकट नहीं मिलने के कारण कानपुर के मतदाताओं के नाम खुला पत्र भी जारी किया है. डॉ. मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के मतदाताओं के नाम पत्र लिखा है कि इस बार उन्हें कानपुर या किसी भी सीट से प्रत्याशी नहीं बनाया जाएगा. गौरतलब है कि जोशी ने पीएम नरेंद्र मोदी के लिए 2014 में बनारस सीट छोड़ दी थी.
पार्टी के राष्ट्रीय संगठन मंत्री रामलाल ने उन्हें आज ही यह जानकारी दी है. जोशी ने गंगा मेले में आने का अपना कार्यक्रम भी निरस्त कर दिया है. पहले प्रोटोकाल के तहत सूचना आई थी कि वह 25 को कानपुर पहुंच जाएंगे. जोशी का लिखित संदेश आने के बाद से पार्टी में चर्चा का बाजार गर्म है. सोमवार को बीजेपी के संगठन महासचिव रामलाल ने बीजेपी के वरिष्ठ नेता मुरली मनोहर जोशी से मुलाकात की थी. रामलाल ने मुरली मनोहर जोशी से कहा कि पार्टी ने आपको चुनाव नहीं लड़ाने का निर्णय लिया है. पार्टी चाहती है कि आप बीजेपी ऑफिस जाकर चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा करें.
पार्टी की इस अपील को मुरली मनोहर जोशी ने सीधे तौर पर नकार दिया. जोशी ने कहा कि ये पार्टी के संस्कार नहीं हैं, अगर हमें चुनाव ना लड़वाने का फैसला हुआ है तो कम से कम पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को हमें आकर सूचित करना चाहिए. मुरली मनोहर जोशी ने साफ कहा कि वह पार्टी दफ्तर आकर इसकी घोषणा नहीं करेंगे.
मुरली मनोहर जोशी ने कानपुर के वोटरों के लिए एक खत भी जारी किया है, जिसमें उन्होंने लिखा है कि पार्टी महासचिव रामलाल की ओर से मुझे कहा गया है कि मैं कानपुर या फिर किसी ओर सीट से चुनाव ना लड़ूं. आपको बता दें कि इससे पहले बीजेपी दिग्गज लालकृष्ण आडवाणी का गांधीनगर से टिकट कटने पर काफी बवाल हुआ था. गांधीनगर से अब बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह चुनाव लड़ रहे हैं. आडवाणी का टिकट कटने पर शत्रुघ्न सिन्हा समेत कांग्रेस के नेताओं ने भी सवाल खड़े किए थे.
गौरतलब है कि इससे पहले भी रामलाल ने ही लालकृष्ण आडवाणी, कलराज मिश्र से मुलाकात कर और शांता कुमार, करिया मुंडा से फोन पर बात करके उन्हें टिकट ना देने के फैसले के बारे में जानकारी दी थी. तब भी रामलाल ने इन नेताओं को सूचित किया था कि वह अपनी ओर से चुनाव ना लड़ने का ऐलान करें.
लेकिन लालकृष्ण आडवाणी भी मुरली मनोहर जोशी की तरह तैयार नहीं हुए. सूत्रों की मानें तो आडवाणी ने भी मुरली मनोहर जोशी की तरह रामलाल से कहा था कि पार्टी हमें चुनाव में टिकट नहीं देना चाहती है तो पार्टी अध्यक्ष अमित शाह को खुद आकर पार्टी के फैसले की जानकारी देनी चाहिए.