नई दिल्लीः नरेंद्र मोदी सरकार ने नौकरीपेशा लोगों को बजट में बड़ा तोहफा दिया है. वित्त मंत्री पीयूष गोयल ने बजट पेश करते हुए आयकर छूट की सीमा बढ़ाने का ऐलान कर दिया है. वित्त मंत्री ने कहा कि अब पांच लाख रुपए तक की आय पर किसकी तरह का कोई टैक्स नहीं लगेगा. इसके साथ ही निवेश करने पर 6.5 लाख रुपए तक कोई टैक्स नहीं देना होगा. तीन करोड़ मध्य वर्ग के लोगों को इससे फायदा मिलेगा.
वहीं ग्रेच्युटी भुगतान सीमा को 10 लाख से 20 लाख रुपये कर दिया गया है.अर्थात अब लगभग पांच साल के बाद नौकरी छोड़ने पर मिलने वाली अधिकतम 10 लाख रुपये की राशि को बढ़ाकर अधिकतम 20 लाख रुपये कर दिया गया है. बता दें, आयकर छूट की सीमा बढ़ाने की मांग कई बार से की जा रही थी. लेकिन इस साल लोकसभा चुनाव होने की वजह से आयकर सीमा में छूट बढ़ाने की उम्मीद की जा रही थी. अभी तक यह सीमा ढाई लाख रुपए थी. इसके अलावा 40 हजार तक के बैंक ब्याज पर टैक्स नहीं देना होगा. पहले यह सीमा 10 हजार रुपए तक की थी. आयकर छूट की सीमा बढ़ाने के ऐलान के बाद सेंसेक्स में उछाला आया है.
बता दें कि ग्रेच्युटी आपकी सैलरी का वो हिस्सा है, जो कंपनी या आपका नियोक्ता, यानि एम्प्लॉयर आपकी सालों की सेवाओं के बदले देता है. ग्रेच्युटी वो लाभकारी योजना है, जो रिटायरमेंट लाभों का हिस्सा है, और नौकरी छोड़ने या खत्म हो जाने पर कर्मचारी को नियोक्ता द्वारा दिया जाता है. ग्रेच्युटी किसी भी ऐसे कर्मचारी को दी जानी होती है, जो नौकरी में लगातार 4 साल, 10 महीने, 11 दिन तक काम कर चुका हो. ऐसे कर्मचारी की सेवा को पांच साल की अनवरत सेवा माना जाता है, और आमतौर पर पांच साल की सेवाओं के बाद ही कोई भी कर्मचारी ग्रेच्युटी का हकदार बनता है.