पटना: पथ निर्माण मंत्री नन्द किशोर यादव ने कहा है कि ओपीआरएमसी अर्थात लौंग टर्म आउटपुट एंड परफॉर्मेंस बेस्ड रोड एसेट्स मेटेंनेंस कांट्रैक्ट का क्षेत्र विस्तार करते हुए नौ और जिलों की सड़कों को इस परिधि में लाया गया है. इन जिलों की सड़कों के सात वर्षों तक रखरखाव की पूरी जिम्मेवारी संबंधित संवेदक की होगी.
मंत्री बोले- ससमय कार्यान्वयन प्राथमिकता
पथ निर्माण मंत्री नंदकिशोर यादव ने बताया कि विभाग ने इससे पूर्व नौ अन्य जिलों की 1054.57 करोड़ रुपये की योजनाओं को ओपीआरएमसी के तहत ससमय कार्यान्वयन व अन्य प्रकार की जिम्मेवारी संबंधित संवेदक पर सौंपने का निर्णय किया था. विभागीय निविदा समिति ने पूर्वी चम्पारण के मोतिहारी के लिए 100.8 करोड़ इस जिले की एक अन्य योजना के लिए 88.74 करोड़, पश्चिम चम्पारण के बेतिया के लिए 112.34 करोड़, गोपालगंज के लिए 93.05 करोड़, इस जिले की एक अन्य योजना के लिए 105.2 करोड़, सिवान के लिए 123.16 करोड़, इस जिले की एक अन्य योजना के लिए 78.8 करोड़, सुपौल के लिए 89.12 करोड़, इस जिले की एक अन्य योजना के लिए 86.39 करोड़, नवादा के लिए 78.6 करोड़, जमुई जिले के लिए 101.29 करोड़, नालन्दा जिले के लिए 133.93 करोड़ और शेखपुरा जिले के लिए 71.69 करोड़ रुपये की स्वीकृति प्रदान की है. समिति ने कुल 1263.13 करोड़ रूपये की मंजूरी दी है.
मरम्मत कार्य कराना संवेदक की जिम्मेवारी
नंदकिशोर यादव ने बताया कि स्वीकृत पथ लम्बाई में एकरारित अवधि तक लगातार संधारण मरम्मत का कार्य किया जाना है ताकि पथ की मानक सेवा स्तर बरकरार रहे. प्राकृतिक आपदाओं, बाढ़ आदि के कारण पथ यातायात अवरुद्ध होने की स्थिति में ओपीआरएमसी के संवेदक द्वारा ही आवश्यक मरम्मत कार्य तुरंत करते हुए यातायात को सुगम रूप से चालू रखने की व्यवस्था है.